Header Ads Widget

Responsive Advertisement

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिला, जो की म्यांमार से सटा हुआ एक सीमावर्ती क्षेत्र है, में स्थित है। १९८५ वर्ग किमी के विस्तृत क्षेत्र में फैला नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान पूर्वी हिमालय की जैव विविधता का हॉट स्पॉट होने के साथ ही साथ भारत का तीसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। यह क्षेत्र पैलेरक्टिक और इंडो मलय जैव-भौगोलिक दोनों क्षेत्रो में आने के कारण विविध प्रजातियों का घर है। उष्ण कटिबंधीय नाम वनों से मोटे तने वनो की ऊंचाई के साथ, परिदृश्य समशीतोष्ण वनो में अल्पाइन गैस के मैदानों और बारहमासी बर्फ में बदल जाता है।

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्र पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध के समय अस्तित्व में आया। जिसने इसकी समृद्ध जैव विविधता ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि का कारण बना दिया। इसकी लोकप्रियता में वृद्धि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, कई विमानों की दुर्घटना की वजह से हुई। "पानी" या "नमी" और "दफा" या "उत्पत्ति" शब्दों के मिलने से बने नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान को मूल रूप से १९७२ में एक वन्यजीव अभयारण के रूप में पहचान मिली। १९८३ में लगभग ११ वर्ष के लम्बे इंतजार के बाद उसे एक राष्ट्रीय उद्यान की उपाधि से नवाजा गया। १९८३ नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण वर्ष रहा क्योकि ऐसी वर्ष इसे प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अंतर्गत एक टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया।  

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाने वाली वनस्पतियां और वन जीवन 

उद्यान के अन्दर विभिन्न शिविरों के अतिरिक्त वनस्पतियों के साथ ही साथ वन्य जीवों की ४०० से अधिक प्रजातियों का निवास स्थल है। जो इसे एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण बनाती है। 


वनस्पतियां 

नमदाफा उद्यान में पाई जाने वाली कई दुर्लभ प्रजाति के पौधे, स्थानीय या लुप्तप्राय प्रजातियों के है। सप्रिया हिमालयन, बालनोफोरा एसपीपी, लियाना आदि दुर्लभ जड़ परजीवी पौधे है। एमेन्टोटेक्सस, सेफलोटैक्सस और लारिक्स की अति दुर्लभ स्थानीय प्रजातियां इस वन की शोभा है। कुछ प्रजातिया जो की पूरे देश में कहीं भी नहीं पाई जाती है जैसे - सुमात्राण पाइन और एबिस डेलवायी इस वन की अमूल्य निधि है। आदिम वृक्ष फर्न साइथिया एसपी यहाँ पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के फर्न में से कुछ अनोखी प्रजातियां है। इसके अतिरिक्त उद्यान में बांस के व्यापक जंगल है। सबसे दुर्लभ और लुप्तप्राय आर्किड में से एक ब्लू वांडा भी यहाँ पाया जाता है। सबसे प्रसिद्ध स्थानीय औषधीय पौधा मिशमी टीटा, जिसका उपयोग स्थानीय आदिवासियों द्वारा किया जाता है भी यहाँ पर पाया जाता है जिसके औषधीय गुणों को देखते हुए इसके निर्यात पर रोक लगा दी गयी है।


वन्य जीवन

विभिन्न वनस्पतियों की उपस्थिति के कारण नमदाफा प्राणी उद्यान कई प्रकार की दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों को संरक्षण प्रदान करता है। यहाँ पर पाए जाने वाले मुख्य स्तनधारी जीव हिम तेंदुए, लाल पांडा, हिमालयन भालू, बड़े शिकारी ढोल, भेड़िये और एशियाई भालू है।

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश
हिम तेंदुआ 
यहाँ उद्यान छोटे मांसाहारी जिनमे लाल लोमड़ी, ऊदबिलाव, पीले गले वाले मार्टन, चित्तीदार लिसांग, ताड का सीवेट, मार्बल कैट, एशियाई सुनहरी बिल्ली और नेवले जैसे कई रात्रिचर जीवों के साथ ही साथ शाकाहारी जीव जैसे हाथी, जंगली सूअर, मैंटजैक, कस्तूरी मृग, सांभर, गौर, हॉग हिरण आदि का भी घर है।

क्षेत्र से दर्ज हॉर्नबिल की पांच प्रजातियां है। यहाँ पाए जाने वाले पक्षियों में बब्बलर की कई प्रजातिया जैसे- श्रेक बब्बलर, फुलवेट्स और स्किमिटार बब्बलर, अति दुर्लभ स्नो थ्रोटेड बब्बलर, जो की मिशमी पहाड़ियों के अतिरिक्त उत्तरी म्यांमार के आस पास पाई जाती है, के साथ ही साथ रुफस नेक्ड हॉर्नबिल, ग्रीन कोचोआ, पर्पल कोचोआ, ब्यूटीफुल न्यूथैच, वॉर्ड्स ट्रॉगन, किंगफिशर, वाइटटेल्डफिश ईगल, यूरेशियन हॉबी, पाइड फॉल्कोनेट और हिमालयन वुड उल्लू आदि को भी संरक्षित किया है। 

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान में करने योग्य एक्टिविटी 

यदि कही घूमने जाने की योजना जायें तो उस यात्रा को यादगार कैसे बनाया जाये इसकी चिन्ता सताने लगती है। तो  समस्या को यहाँ समाप्त करके आप को बताते है की आप नमदाफा में क्या करें ?

किसी भी राष्ट्रीय उद्यान में ट्रिप का सबसे रोमांचकारी भाग जंगल को पास से समझना और फोटो क्लिक करना है। किन्तु नमदाफा में जीप सफारी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। क्योंकि विभिन्न दुर्लभ प्रजातियों के निवास स्थल के रूप में होने के कारण वन प्रबंधन मोटर वाहन से होने वाली किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचने के प्रयास करता है। 


हाथी की सफारी 

यदि आप नमदाफा उद्यान में विभिन्न जिव प्रजातियों और प्रकृति की सुंदरता को करीब से देखना चाहते है। तो हाथी की सवारी आपको इस अनुभव को लेने का सबसे उत्तम साधन है। हाथी की पीठ पर बैठे हुए जानवरो को देखना और फोटोग्राफी करना अपने आप में एक सबसे सुखद तरीका है, जो इस यात्रा के रोमांच को आप की यादो की माला में पिरो देगा। 

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश
हाथी की सफारी 

ट्रैकिंग 

नमदाफा उद्यान में एक नहीं ऐसे कई ट्रैकिंग रुट है, जो आप को और आप के मित्रो को उन पर ट्रैकिंग जैसी एक्साइटेड एक्टिविटी करने के लिए प्रेरित करेंगे। 

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश
ट्रैकिंग

रिवर राफ्टिंग 

नमदाफा उद्यान अपने अप्प में इतना महत्पूर्ण है की उसमे विविध प्रकार के अनुभवों को अनुभव किया जा सकता है। नौका विहार भी ट्रैकिंग के अनुभव से कम नहीं है। ऊँची नीची पहाड़ी नदी एक अद्भुत ही नजारा प्रस्तुत करती है। यदि आप अपने परिवार के साथ या मित्रो के साथ छुट्टियों का आनन्द ले रहे है तो इस एक्टिविटी में इस क्षेत्र का असली अनुभव प्राप्त होगा।  


कैंपिंग 

किसी भी खुुमैदान में या नदी के किनारे टैंट लगाकर वह भी तब जब आसपास जीव हो, यह आभास ही अपने आप में एक बेहतरीन अनुभव है। यूँतो उद्यान में विभिन्न शिविर है जिनमे प्रकृति की गोद में आराम करना एक अपने में एक अच्छा विचार है। इसके लिए विभिन्न टूर ऑपरेटर से भी संपर्क कर  क्योकि वे समय समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते रहते है। 


वाइल्डलाइफ स्पॉटिंग 

क्यूंकि नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान एक समृद्ध वन्य जीवन का प्राकृतिक निवास स्थल है।  इस लिए आप दाफा बम पर भी जा सकते है जो मिश्मी पहाड़ियों पर स्थित एक रिज है और उद्यान के सबसे ऊँचा स्थल है जहा से आप इस शानदार अल्पाइन और समशीतोष्ण जंगल के साथ ही साथ विभिन्न प्रकार के जिव जैसे हिम तेंदुए, बाघ, एशियाई भालू आदि को देखे का अनुभव कर सकते है। 

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान में लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण 

मियाओ संग्रहालय 

नमदाफा के अधिकारियों के द्वारा निर्मित मियाओ संग्रहालय फील्ड निदेशक कार्यालय के निकट में स्थित है। जिसमे कई सर्वेक्षणों और आस पास के क्षेत्र से संग्रहित किये गए जानवरो के नमूनो को जैसे - सांप की कई प्रजातियों, पक्षियों की खालों आदि एक कक्ष में संरक्षित किया गया है। इसमें सब आकर्षण का केंद्र एक अजगर का कंकाल है जिसे बड़े ही सलीके से दिवार पर सजाया गया है। दूसरा कक्ष स्थानीय ग्रामीण जीवन की  झलक प्रस्तुत करता है।

 

मियाओ चिड़ियाघर 

मियाओ चिड़ियाघर संग्राहलय के सामने ही बनाया गया एक छोटा सा आकर्षण  केंद्र है जहा बच्चे हुलाँक गिबन्स, पिग-टेल्ड मैकाक, असमिया मैकाक, छोटे मांसाहारी जैसे हिमालयन पाम सिवेट, साही और बिल्लियाँ, घड़ियाल आदि को पास  देख सकते है। चिड़ियाघर में प्रवेश करते ही आपक को सुंदर सांभर और हिरण देखने को मिल जायेंगे। 


मोतीझील 

कैंप स्थल से १० मील की पैदल दूरी तय कर पर्यटक पठार पर स्थित एक छोटा सा प्राकृतिक झील है जिसे गिब्बन की भूमि भी कहा जाता है। झील का मार्ग सुंदर पर्णपाती और अर्ध सदाबहार जंगलो से होकर जाता है जिस कारण मार्ग में काई से लदे पेड़ और शाकाए और एपिफाइट्स से ढके हुए पेड़ है। इस वानस्पतिक सुंदरता के अतिरिक्त ग्रीन कोकोआ, रूफस थ्रोटेड फुलवेटा, गिबन्स, लंगूर, विशाल मलायी गिलहरी दिखना एक आम बात है। बारिश के दौरान पहाड़ी छिपकली ( जपलुरा ) और कील्ड बॉक्स कछुए भी आराम से देखे जा सकते है। 


राजा झील 

राजा झील एक दलदलीय क्षेत्र है लेकिन इसका मुख्य आकर्षण मार्ग में मिलने वाले वे पक्षी और जीव है, जिनका निवास दलदल के आसपास होता है। पर्यटक राजा झील के रस्ते में पड़ने वाली एक छोटी सी धारा पर कैंपिंग का आनन्द ले सकते है। 


गांधीग्राम और विजयनगर 

गाँधी ग्राम नमदाफा के क्षेत्र में वाली रहने वाली सबसे बड़ी बस्ती है। जिसे स्थानीय रूप से लिसुस द्वारा शिदी ( सपाट भूमि ) के रूप में जाना जाता है। सुनियोजित और सुव्यवस्थित गांव है। जिसकी समान्तर सडको के साथ ही बने पारम्परिक चांग हाउस है। 


गाँधी ग्राम से लगभग १८ किमी की दूरी पर स्थित एक आधार क्षेत्र है जहाँ असम राइफल्स के वीर सिपाही तैनात है इसके अतिरिक्त वायु सेना भी एक उन्नत लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) का रख रखाव करती है। 


देबन 

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान की सीमा के अंदर स्थित नोआ-दिहिंग नदी तट पर एक सुन्दर वन शिविर है। जहा नदी के नजरो के साथ ही साथ आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनन्द ट्रैकिंग, हाई किंग और एंगलिंग के द्वारा ले सकते है।


हॉर्नबिल 

देबन से ९ किमी की दूरी पर स्थित हॉर्नबिल पक्षियों का प्राकृतिक आवास है जहां इनके झुंडो को एक ग्रोव से दूसरे ग्रोव पर उड़ते हुए देखा जा सकता है।  


हल्दीबाड़ी 

देबन से सिर्फ ५ किमी दूर नोआ-दिहिंग नदी के पार स्थित इस सुरम्य शिविर स्थल तक नाव द्वारा पहुंचा जा सकता है। यहाँ रात रुकना और कैंपिंग करना एक सुखद अनुभव है। 


बुलबुलिया 

यह एक आकर्षक शिविर स्थल है जहा से एक प्राकृतिक बड़े जलभराव को देखा जा सकता है यहाँ रात भर रुकने और पानी पीने आये हुए जानवरो को देखने का अपना ही एक यादगार आनंद है, किन्तु यह इतना सहज भी नहीं है,  इसके लिए आपको बहुत भाग्यशाली होना जरुरी है। 


नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान का समय और एंट्री फीस 

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान को प्रयटकों के लिए प्रातः ८ बजे से सायं ५ बजे तक ही खुला रहता है। नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश शुल्क पर्यटक और यात्रा के उद्देश्य के अनुरूप लिया जाता है। जो इस प्रकार है -
  • भारतीय पर्यटक के लिए  ( प्रति व्यक्ति ) - ५० रुपये भारतीय
  • विदेशी पर्यटक के लिए  ( प्रति व्यक्ति ) - ३५० रुपये भारतीय 
  • निजी व्हीकल के लिए - १०० रूपये भारतीय 
  • साधारण कैमरे के लिए  - ७५ रूपये भारतीय 
  • टेली लेंस /जूम वाले स्थिर अथवा वीडियो कैमरे के लिए  - ४०० रूपये भारतीय और ७५० रुपये भारतीय 

विशेष : उपरोक्त दरें समय समय पर संशोधन के अंतर्गत है। 

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान में यात्रा के दौरान फॉलो करने हेतु सुझाव 

यदि आप ने नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान को देखने का विचार बना लिया है तो किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए नीचे दी गयी सलाह का पालन अवश्य करें।  

  • चूंकि यह आकार के मामले भारत का तीसरा सबसे बड़ा उद्यान है इसलिए यात्रा के पूर्व सुनिश्चित करते हुए अपने साथ नमदाफा का नक्शा, एक बढ़िया कैमरा, दूरबीन, एक अच्छे बैकअप वाली तेज टॉर्च और आवश्यक मेडिकल बॉक्स जरूर रखे। 
  • ट्रैकिंग के दौरान हल्के रंग के कपड़ो का चयन करे क्योंकि चमकीले कपडे खतरनाक जानवरों को आकर्षित करते है। साथ ही साथ मजबूत और आरामदायक जूतों का चयन करे जिससे पथरीले मार्ग में चलने में परेशानी न हो और आप ट्रैकिंग का पूरा मजा ले सके।  
  • यदि आप पूरी रात्रि की यात्रा की योजना बना रहे है तो रात्रि आवास के लिए अपने आरक्षण को पूर्व में ही सुनिश्चित करे।  
  • किसी भी प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश की कोशिश न करे। 
  • किसी भी जानवर को खिलाने या उसके पास जाने की कोशिश न करे। 
  • उद्यान प्राधिकरण के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन अवश्य करे। 
  • मियाओ संग्राहलय उद्यान के प्रमुख आकर्षणों में से एक है इस लिए यात्रा के दौरान सुनिश्चित करे की आप वह अवश्य जाये। 
  • उद्यान में ट्रैकिंग में जाने से पूर्व मौसम की जानकारी अवश्य ले क्योकि बरसात आपके आनन्द को खराब कर सकती है। 
  • नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के लिए दो परमिटों की आवश्यकता होती है - जिसमे से एक अरुणाचल प्रदेश राज्य में प्रवेश के लिए इनर लाइन परमिट और दूसरा नामदफा में प्रवेश करने के लिए फील्ड निदेशक नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान के कार्यालय से जारी किया जाने वाला पर्यटक परमिट। अतः इन दोनों परमिट को लेना बिलकुल भी न भूले। 

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान में घूमने जाने का सबसे अच्छा समय 

सर्दियों का मौसम या अक्टूबर से मार्च का समय नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान में घूमने जाने के लिए सबसे अनुकूल  समय है। जब तापमान २५ डिग्री सेल्सियस ( अधिकतम ) से ८ डिग्री सेल्सियस ( न्यूनतम ) के मध्य रहता हैं। सर्दियों का समय एक ऐसा समय है जब जानवर धूप सेकने के लिए अपने प्राकृतिक आवास से बाहर निकलते है। 


नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान में यात्रा के दौरान कहाँ रुकें ?

यदि आप नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा की योजना बना रहे है और रात्रि आवास को लेकर चिंतित है तो उसके लिए आप निम्न ऑप्शंस का चुनाव कर सकते है किन्तु ध्यान रखे यदि आप मौसम में जाने का विचार कर रहे है तो आरक्षण के लिए पहले ही अप्लाई कर ले। 


नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान, अरुणाचल प्रदेश
नमदाफा सर्किट हाउस 

मियाओ में 

  • निरीक्षण बंगला 
  • इको टूरिस्ट फारेस्ट गेस्ट हाउस 
  • नमदाफा जंगल कैंप 
  • सर्किट हाउस 

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान में 

  • देबन वन विश्राम गृह
 

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान कैसे पहुंचे ?

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान फ्लाइट के द्वारा कैसे जाये 

सबसे निकटतम हवाई अड्डा असम में स्थित डिब्रूगढ़ में है जहा से नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान की दूरी १६० किमी है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद राजकीय बस, टैक्सी या प्राइवेट कार के द्वारा ५-६ घंटे की यात्रा के बाद नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान पहुंच सकते है। 


नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान ट्रेन के द्वारा कैसे जाये

चूंकि नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान किसी भी प्रकार से ट्रेन मार्ग से सीधे जुड़ा हुआ नहीं है इस लिए आपको सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन तिनसुकिया पर उतरना पड़ेगा। जहां से तिनसुकिया रोडवेज एक सुनियोजित तरीके से उद्यान से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त तिनसुकिया रेलवे स्टेशन से भी आप टैक्सी के द्वारा नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान पहुंच सकते है। 


नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान सड़क मार्ग के द्वारा कैसे जाये

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान सड़क मार्ग के द्वारा अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख शहरो से जुड़ा हुआ है। APSRTC और असम राज्य की बसें नियमित रूप से डिब्रूगढ़, तेजपुर, तिनसुकिया, चांगलांग और मार्गेरिटा से नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान के लिए संचालित की जाती है। यदि आप पास के शहरों से नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा कर रहे है तो सेल्फ ड्राइविंग का आनंद लेना न भूले। 


एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ