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बुमला दर्रा

बुमला दर्रा १५२०० फ़ीट की ऊंचाई पर भारत-चीन के बीच बर्फ से ढकी दो एशियाई देशों की सबसे काम प्रचलित सीमाओं में से एक होने के साथ ही साथ अरुणाचल प्रदेश के सर्वाधिक आकर्षण वाले पर्यटक स्थलों में से भी एक है। भारत के पूर्वी क्षेत्र में स्थित अरुणाचल प्रदेश को शाब्दिक अर्थ "भोर के प्रकाश वाले पहाड़ की भूमि" के रूप में परिभाषित करना अनुचित नहीं है। अरुणाचल प्रदेश कठोर घाटी और असाधारण सौन्दर्य का घर होने के कारण एक शानदार पर्यटक स्थल के रूप में उभरा है। जहाँ से तिब्बती पठार की सुंदरता देखते ही बनती है। 

बुमला दर्रा भारत के तवान्ग शहर से ३७ किमी और चीन शासित तिब्बत के त्सोना जोन्ग शहर से ४३ किमी की दूरी पर होने के कारण दोनों  देशों के मध्य एक व्यापारिक बिन्दु के में कार्य करता है। यदि आप दैनिक जीवन की हलचल से दूर शान्ति के पलों की तलाश है तो आप को बुमला दर्रा से उपयुक्त अन्य विकल्प नहीं उपलब्ध होगा। जिसके लिए तवान्ग जिले में उपायुक्त कार्यालय से और  बाद भारतीय सेना छावनी से एक विशेष पास को प्राप्त करना होगा। 


बुमला दर्रा
बुमला दर्रा 

बुमला दर्रे का इतिहास 

एक पुरानी रोड तवान्ग से मिलाकाटोंग ला पास होते हुए बुमला दर्रा होते हुए अंत में तिब्बत के सोना जोंग तक जाता है। वर्ष १९६२ में हुए भारत चीन युद्ध में इस मार्ग का अपना ही ऐतिहासिक महत्त्व रहा है। जब चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था। वर्तमान समय में किसी भी प्रकार के परिदृश्य से बचने के लिए बुमला दर्रा दोनो सेनाओं के मध्य ४ सीमा कार्मिक बैठक बिंदु के रूप में कार्य कर रहा है। जिसमे दोनों विशाल सेनाओ के मध्य लगातार परामर्श और संचार किया जाता है। 


बुमला दर्रा
बीपीएम

वर्ष २००६ में ४४ वर्षों के बाद दोनों देशों के व्यापारियों के लिए इस दर्रा को पुनः खोला गया। जिसमे डाक कर्मियों के अतिरिक्त व्यापारियों को भी दर्रा के दोनों ओर आने की अनुमति मिल गयी। 


बुमला दर्रे का महत्त्व 

यूँ तो बुमला दर्रे को दो देशों की सीमा के रूप में देखा जाता है जो की सुरक्षा और व्यापारिक दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही किन्तु इसको मुख्य रूप से तिब्बत से दलाई लामा के प्रवेश मार्ग के रूप में ख्याति प्राप्त है। 


बुमला दर्रा घूमने जाने का सर्वोत्तम समय 

बुमला दर्रा घूमने का सबसे उत्तम समय गर्मियों का ही है। फरवरी से अप्रैल तक का समय सबसे अनुकूल समय के रूप में जाना जाता है क्योंकि इस समय तापमान ५ डिग्री से २५ डिग्री तक रहता है। कुछ लोग जिन्हे एडवेंचर का शौक रहता है वह सर्दियों को ही चुनना पसंद करते है जो की उनके लिए खतरनाक हो सकता है क्योकि इस समय तापमान -१५ डिग्री तक चला जाता है। जिसमे रहने के वह आदि नहीं हो सकते है। 


बुमला दर्रा जाने के पूर्व यात्रा युक्ति 

  • चूँकि बुमला दर्रा एक अत्यधिक ठंडा स्थान है इस लिए जाने से पूर्व आप सुनिश्चित करे की आप ने ऊनी वस्त्र प्राप्त मात्रा में रख लिए है अथवा नहीं। वह आपको गर्म और आरामदायक महसूस करने में मदद करेंगे। 
  • आपको यात्रा के दौरान अपने साथ पर्याप्त मात्रा में भोजन और गर्म पानी की बोतल या थर्मस रखना न भूले क्योंकि दर्रे के रास्ते में भोजन की सुविधा सीमित है। 
  • यदि आप प्राइवेट कैब के द्वारा यात्रा करने जा रहे है तो ड्राइवर की जांच अवश्य करे, क्योंकि ड्राइवर को अपने रुट के साथ ही साथ बर्फ से ढके मार्ग पर गाड़ी किस प्रकार चलनी है का ज्ञान होना अति आवश्यक है। 


बुमला दर्रा में क्या करें 

  • बुमला दर्रे का ट्रैक बहुत ही विश्वासघाती ट्रैक है। इसलिए केवल एस यू वी की सलाह दी जाती है किन्तु वह भी खुले मौसम में जब बारिश या फिर बर्फबारी की संभावना न के बराबर हो। 
  • यह दर्रा भारत के लिए ऐतिहासिक रूप से बड़ा ही महत्वपूर्ण है। अतः आप प्रयास करे की उस मार्ग का अनुसरण करने का अवसर प्राप्त हो सके जिससे शरण लेने के लिए दलाईलामा भारत में आये थे। 
  • "पत्थर का ढेर" जिसमे आप भी एक पत्थर रख कर सच्चे ह्र्दय से अपनी भावभीनी श्रदांजलि उन वीर सिपाहियों को दे सकते है जिनके अथक प्रयास से यह देश आज तक चीन के हाथों में जाने से बचा हुआ है। 

बुमला दर्रा
पत्थर का ढेर

  • भारत चीन सीमा कार्मिक बैठक जिसे बीपीएम के नाम से जाना जाता है को देखना बिलकुल भी न भूले, क्योकि यह सम्बन्धो में सुधार की अभिलाषा से नियमित परामर्श और बातचीत के लिए भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के मध्य आधिकारिक रूप से सहमत पांच सीमा कार्मिक बिन्दुओं में से एक है। 
    बुमला दर्रा
    संगस्टार त्सो

  • इसके अतिरिक्त थेंबांग गांव, याक अनुसंधान केन्द्र, बाप टेंग जलप्रपात के साथ ही साथ लोकप्रिय झील संगस्टार त्सो ( कोयला फिल्म में माधुरी दीक्षित द्वारा फिल्माए गए गाने के कारण माधुरी झील के नाम से भी जाने जानी वाली ) को देखना बिलकुल भी न भूले जो की खूबसूरती का एक ऐसा खजाना है जहा सेल्फी और फोटो लेना तो बनता ही बनता है। 


बुमला दर्रा
याक 

बुमला दर्रा कैसे पहुंचे ?

दर्रे तक पहुंचने के लिए गुवाहाटी या तेजपुर से किराये पर उपलब्ध एस यू वी ली जा सकती है, क्योंकि मार्ग अत्याधिक फिसलन भरा है। बस दो बातो का ध्यान रखना आवश्यक है की ड्राइवर एक पेशेवर ड्राइवर हो क्योकि आप की सुरक्षा उस पर ही निर्भर करती है। 

बुमला दर्रा
बुमला दर्रा



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