"माँ सर्वोच्च की चेतना और शक्ति है और सबसे ऊपर वह उत्पन करती है, लेकिन उनके कुछ तरीकों को उनके अवतारों के माध्यम से देखा और महसूस किया जा सकता है और अधिक से अधिक ग्रहण करने योग्य है क्योंकि मातृ रूपों की अधिक परिभाषित और सीमित स्वभाव और क्रिया जिसमें वह हैं अपने प्राणियों के लिए प्रकट होने की सहमति देता है।"
---श्री अरबिंदो घोष
मातृमन्दिर जो की "माँ का मन्दिर" का संस्कृत भाषा का शाब्दिक स्वरुप है, पुडुच्चेरी (प्राचीन नाम पांडिचेरी) में ऑरोविले टाउन का सबसे महत्वपूर्ण भवन है। मातृमन्दिर को "शहर की आत्मा" के रूप में जाना जाता है। मातृमन्दिर के विचार की नींव श्री अरबिंदो आश्रम की माता द्वारा रखी गयी थी, जिन पर श्री अरबिंदो की शिक्षाओं का एक अद्भुत प्रभाव परिलक्षित होता था। श्री अरबिंदो की शिक्षाओं के अनुसार "माँ " की अवधारणा "जीवन के महान विकासवादी, जागरूक और बुद्धिमान सिद्धांत" का प्रतिनिधित्व करती है जिसके अनुसार माँ का उद्देश्य मानव जाति को उसकी वर्तमान सीमाओं से उन्हें आगे बढ़ने में मदद करना है। जिसके लिए एकात्म योग, व्यक्तिगत मौन और जीवन जीने के नए तरीकों को सीखना मददगार होगा।
मातृमन्दिर की स्वर्ण मंडित संरचना एक सुनहरे ग्लोब के रूप में है। जो सूर्य और उसके प्रकाश को दर्शाती है। गुम्बद देखने में कमल पुष्प कि पंखुड़ीयों सा प्रतीत होता है। बारह उद्यान जो मातृमन्दिर की मुख्य संरचना को घेरे हुए हैं, माँ की १२ शक्तियों को दर्शाते है जो इस प्रकार है - अस्तित्व, चेतना, आनन्द, प्रकाश, जीवन, शक्ति, धन, उपयोगिता, प्रगति, युवा, सद्भाव और पूर्णता। मंदिर का निर्माण कार्य १९७१ में नींव रखने के साथ प्रारम्भ हुआ था। इसके बनने में ३७ साल का समय लगा। मातृमन्दिर की स्थापत्य शैली आधुनिक पाश्यात्य और भारतीय वास्तुकला का मिश्रण है। केंद्रीय गुम्बद के अन्दर मुख्य आकर्षण एक ध्यान कक्ष है, जिसे आंतरिक कक्ष के रूप में जाना जाता है - इसमें दुनिया का सबसे बड़ा ऑप्टिकली-परफेक्ट ग्लास ग्लोब है। चार मुख्य स्तम्भ जो मातृ मन्दिर की संरचना का समर्थन करते है और आंतरिक कक्ष में जाते है। कम्पास के चार दिशाओं में स्थापित यह चार स्तम्भ श्री अरबिंदो द्वारा वर्णित माता के चार पहलुओं के प्रतीक है जो इस प्रकार है - उत्तरी स्तम्भ (देवी महाकाली का प्रतीक), दक्षिण स्तम्भ (देवी माहेश्वरी का प्रतीक), पूर्वी स्तम्भ (देवी महालक्ष्मी का प्रतीक) और पश्चिमी स्तम्भ (देवी महासरस्वती का प्रतीक)। इस कक्ष के केंद्र को एक शुद्ध क्रिस्टल ग्लास ग्लोब द्वारा चिन्हित किया गया है , जो आंतरिक कक्ष में प्रकाशित प्रकाश को विकीर्ण करता है।
ऑरोविले के अनुयायियों द्वारा भीतरी कक्ष को एक उचित सम्मान दिया जाता है, जहां वे ध्यान का अभ्यास करते है। भवन के अन्दर प्रवेश की अनुमति सभी के लिए नहीं है क्योंकि यह आध्यात्मिक भवन होने के कारण, इसे उचित शारीरिक और मानसिक स्थिति में ही देखा जाता है।
मातृमन्दिर के निर्माण का उद्देश्य
मातृमन्दिर का निर्माण उन लोगों को ध्यान में रखकर किया गया है जो ध्यान केंद्रित करना सीखना चाहते हैं। "कोई निश्चित ध्यान नहीं, वह सब नहीं, लेकिन उन्हें मौन में और एकाग्रता में रहते हुए अपनी चेतना को खोजने की कोशिश करना है"। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए माता के विचारों के प्रचार करने के लिए इसका निर्माण किया गया। जो शक्ति, जाति, धर्म, धन और झूठ की सीमाओं से परे मानवता को चाहती हैं।
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आन्तरिक कक्ष |
मातृमन्दिर का समय
सोमवार से शनिवार: प्रातः ९ बजे से सायं ४ बजे तक।
रविवार: प्रातः ९ बजे से अपराह्न ४ बजे तक।
मंगलवार को मातृ मन्दिर व आन्तरिक कक्ष दोनों ही बंद रहते है।
आन्तरिक कक्ष में एकाग्रता का समय: प्रातः ९:३५ बजे से प्रातः १०:०५ बजे तक है। अन्तिम प्रवेश अनुमति प्रातः ९:४५ बजे तक ही है। जबकि पेटल मैडिटेशन रूम में ध्यान का समय प्रातः ९:३० बजे से प्रातः १०:४५ बजे तक है। इसके अतिरिक्त आस पास का क्षेत्र घूमने और अनुभव करने के लिए स्वतंत्र है।
पर्यटकों के लिए दिशा निर्देश
केंद्र का निर्माण आने वाले लोगो की एकाग्रता को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था, इसलिए वे पर्यटकों से अपेक्षा करते हैं की आप इस स्थान को पूर्ण सम्मान देते हुए व्यवहार करें। इसके लिए वे इस बात की पुष्टि करते है कि इस स्थान का दौरा केवल पर्यटन उद्देश्य से न हो इसलिए यहाँ की यात्रा करने के पूर्व आपको कुछ निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।
- परिसर के अंदर प्रवेश अत्यधिक आरक्षित है अतः मातृमन्दिर तक पहुंचने के पूर्व कम से कम २४ घंटे पहले बुकिंग आवश्य करा ले। सामान्य अनुभव से, बुकिंग आमतौर पर दो दिन पहले ही भर जाती है, इसलिए अपनी योजना इसी के अनुरूप बनायें। अग्रिम बुकिंग सिर्फ अधिक से अधिक एक सप्ताह तक की ही देने का प्रावधान है।
- पहली बार आने वालों के लिए बुकिंग केवल व्यक्तिगत आधार पर ही स्वीकार की जाती है, अथार्त आप किसी एजेन्ट, ईमेल या टेलीफोन के माध्यम से बुकिंग नहीं करा सकते है। बुकिंग की सुविधा मंगलवार के अतिरिक्त प्रातः १०:०० बजे से प्रातः ११:०० बजे तक तथा अपराह्न २:०० बजे से अपराह्न ३:०० बजे तक के बीच में ही उपलब्ध है। दूसरी बार या उसके बाद आने वालो के लिए यह सुविधा ईमेल के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।
- यदि आप पहले से बुकिंग कराना भूल जाते हैं या आपको अपनी चेतना की तलाश करने में दिलचस्पी नहीं है तो आप चिंतित न होये और व्यू पॉइन्ट जो की मुख्य भवन से १ किमी की पैदल दूरी पर है के जंगल जैसे बगीचे के पेड़ों और अद्भुत वनस्पतियों का आनंद ले सकते है। जिन आगंतुकों को चलने में असुविधा होती है, उनके लिए मुफ्त शटल सुविधा उपलब्ध है।
- मातृमन्दिर में जाने के दौरान आप को मानसिक और शारीरिक पवित्रता और स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है, अतः किसी भी संरचना को छूने से बचें और अशुद्ध वस्त्रों को दूर रखें।
- मातृमन्दिर और उसके ध्यान कक्ष के अन्दर पिन ड्राप साइलेंस बनाये रखने की आवश्यकता है अतः १० वर्ष से कम उम्र के बच्चों को माता-पिता पॉलिसी के अनुसार अपने बच्चों को अपने साथ नहीं ले सकते है।
- मुख्य भवन के अंदर किसी भी प्रकार के कैमरे, बैग और वीडियो ऑडियो टेप की अनुमति नहीं है।
4 टिप्पणियाँ
Great Place....
जवाब देंहटाएंNice place
जवाब देंहटाएंAti sundar
जवाब देंहटाएंBeautiful
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