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होगेनक्कल जलप्रपात |
होगेनक्कल कैसे पहुंचे?
होगेनक्कल के मनमोहक झरनों के कारण एक प्रमुख ईको-पर्यटन केन्द्रो में से एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हुआ है। जो साल की सभी ऋतुओं में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है परन्तु सबसे अच्छा समय मानसून के मौसम के ठीक बाद का है। इस समय नदी अपने पूरे उफान पर होती है तथा मौसम भी हल्का गर्म होता है। सेलम, धर्मपुरी, बंगलोर और चेन्नई यहाँ से यह प्रमुख सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है जहां तक आप रेल व वायु मार्ग से देश के विभिन्न भागों से पहुंच सकते है।
क्र. | मोड ऑफ़ ट्रांसपोर्टेशन | पथ | दूरी (लगभग) |
१. | सड़क मार्ग से | धर्मपुरी से होगेनक्कल | ४८ किमी |
२. | सड़क मार्ग से | होसुर से होगेनक्कल, डेंकानिकोट्टई और एंचेटी होते हुए | ९० किमी |
३. | सड़क मार्ग से | सलेम से होगेनक्कल, मेचेरी और पेनागारम होते हुए | ८७ किमी |
४. | सड़क मार्ग से | सलेम से होगेनक्कल, धर्मपुरी होते हुए | ११० किमी |
५. | रेल मार्ग से | निकटतम स्टेशन - मोरपुर | ७० किमी |
६. | रेल मार्ग से | निकटतम स्टेशन - सलेम | ९० किमी |
७. | रेल मार्ग से | निकटतम स्टेशन - धर्मपुरी | ४८ किमी |
८. | हवाई मार्ग से | निकटतम हवाई अड्डा - सलेम | ९० किमी |
९. | हवाई मार्ग से | निकटतम हवाई अड्डा - बंगलौर | ११० किमी |
मुख्य आकर्षण
कोराकल राइड
पर्यटकों के सबसे पसंदीदा आकर्षणों में से एक होने के नाते, जिला प्रशासन, वन विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से पर्याप्त सुरक्षा उपायों को अपनाकर पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। शुष्क मौसम के दौरान होगेनक्कल में नौका विहार (कोराकल राइड) की ही अनुमति है क्योंकि इस समय झरने का बहाव में तीव्रता होती है जिससे नावों (कोराकल) का मार्ग बाधित नहीं होता है। यह कोराकल नाव संचालकों की आय का मुख्य स्रोत है। कोराकल लगभग २ .२४ मीटर (लगभग ७.५ फ़ीट) व्यास के होते है और इस पर एक बार में ८ व्यक्तियों को ले जा सकते है। ये मूंगे बांस से बने होते है। नावों का निचला हिस्सा खाल का इस्तेमाल कर के जलरोधी बनाया जाता है। कभी कभी खाल की जगह प्लास्टिक का भी प्रयोग किया जाता है। इन नावों को एक ही चप्पू का उपयोग कर के चलाया जाता है जो इसे अद्वितीय बनाता है। कोराकल को स्थानीय रूप से तमिल में पेरिसल और कन्नड़ में टेपा या हरिगोलु कहा जाता है।
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मुख्य जलप्रपात
तेल मालिश इस जल प्रपात में आने वाले पर्यटकों के मध्य एक आकर्षण का केंद्र है। स्थानीय लोगों के पास मानव शरीर में हर तंत्रिका का पूर्ण ज्ञान होता है जिनको किस प्रकार कितने दवाब से दबाना है जिससे शरीर का विकास, तनाव से मुक्ति और मानसिक सतर्कता बढ़ती है। मध्य जुलाई से अगस्त दौरान मुख्य जलप्रपात में स्नान करना प्रतिबंधित है क्योंकि इस समय पानी का प्रवाह काफी तेज होता है।
समय : सायं ६ बजे तक
वॉच टावर
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वाच टावर द्वारा लिया गया दृश्य |
समय : सायं ५ बजे तक
शुल्क : ५/- रुपये प्रति व्यक्ति
हैंगिंग ब्रिज
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हैंगिंग ब्रिज |
मगरमच्छ पुनर्वास केंद्र
मगरमच्छ पुनर्वास केंद्र की स्थापना १९७५ में हुई थी। यहाँ ११३ मगरमच्छों को २२ बाड़ों में रखा गया है।इन मगरमच्छों को हर तीसरे दिन मानक मानदंडों के अनुसार खिलाया जाता है और उनकी निगरानी एक सहायक पशु चिकित्सक द्वारा नियमित रूप से की जाती है। चूंकि यह स्थान मुख्य रूप से बच्चों को आकर्षित करता है इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए पुनर्वास केंद्र में एक पार्क भी बनाया गया है जो बच्चों की मगरमच्छ देखने से होने वाली थकान को मिटने के लिए काफी है।
2 टिप्पणियाँ
Nice 👍👍👍👍
जवाब देंहटाएंGreat information
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