यदि आप प्रकृति के प्रेमी है, तो अरुणाचल प्रदेश के उत्तर पश्चिमी भाग में समुद्र तल से २५३० मीटर की ऊंचाई पर स्थित बोमडिला उन स्थानों में से एक है। जिसकी हिमाच्छादित हिमालयन पर्वत शृंखला आपको अपनी ओर खींचती हुई अनुभव होगी। बोमडिला शान्ति और आध्यात्मिकता की पवित्र आभा को लिए हुए किसी स्वर्ग के टुकड़े से कम नहीं है।
बोमडिला को प्रसिद्धि सिर्फ और सिर्फ सेब के बागानों के लिए ही नहीं है अपितु यहाँ के बौद्ध मठ जिन्होंने तिब्बती विरासत और संस्कृति को भी आज तक जीवित रखने में अपना अतुल्य सहयोग दिया है, के लिए भी जाना जाता है। साथ ही साथ यह साहसिक कार्यो में रूचि रखने वालो के लिए भी एक स्वर्ग है, जो उन्हें लम्बी पैदल यात्रा, ट्रैकिंग, बाइकिंग, कैंप फायरिंग जैसी गतिविधियों के लिए एक विस्तृत शृंखला प्रदान करते है।
क्षेत्रीय महत्त्व
बोमडिला पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। बोमडिला की उत्पत्ति समय के साथ विलुप्त होती जा रहीं है। परन्तु प्राचीन ऐतिहासिक अभिलेखों से ज्ञात होता है कि बोमडिला शहर कभी तिब्बत राज्य का अभिन्न अंग था जिस पर स्थानीय जनजातीय शासकों और भूटान के शासकों का शासन था। ब्रिटिश शासनकाल में इस पर ब्रिटिश सेना ने अपना अधिकार कर लिया और भारतीय राज्य का हिस्सा बना लिया। परन्तु बोमडिला को आज भी भारतीय उपमहाद्वीप का अविभाज्य भाग माना जाता है। बोमडिला पर अपना क्षेत्रीय दावे को सुदृढ़ करने के लिए १९६२ में चीन ने भारत पर आक्रमण किया था और आज भी यह क्षेत्र भारत चीन के मध्य विवाद का कारण बना हुआ है।
जलवायु
बोमडिला का मौसम ठंडा और गीला सा है। नवम्बर से फरवरी एक सुहावना शीतकालीन समय है जब तापमान अत्यधिक कम हो जाता है। परन्तु गर्मी आनंददायक परन्तु छोटी अवधी की ही होती है। जिसका समय काल अप्रैल से जून तक ही होता है। वर्षा ऋतु का प्रभाव इस क्षेत्र में जुलाई से सितम्बर तक रहता है। इस प्रकार पूरे वर्ष का अवलोकन करने पर ज्ञात होता है की पर्यटन के लिए सबसे उपयुक्त समय अप्रैल से अक्टूबर के मध्य है। जब मौसम में ठंड कुछ कम हो जाती है। यहाँ का अधिकतम तापमान +२५ डिग्री और न्यूनतम तापमान +१ डिग्री तक रहता है।
कैसे पहुँचे ?
सड़क मार्ग द्वारा
बोमडिला पूर्वोत्तर भारत के सुदूर क्षेत्र में स्थित होने के कारण रेल सेवा और वायु सेवा से अभी तक वंचित है। परन्तु उबड़ खाबड़ सड़को और कठिन जलवायु परिस्थितयों के बावजूद अरुणाचल प्रदेश और असम के कई जिले, शहर से भली प्रकार से जुड़े हुए है। हालाँकि यात्रा करने के समय भूस्खलन के विषय में जानकारी अवश्य प्राप्त कर ले।
रेल मार्ग द्वारा
असम में स्थित रंगपाड़ा रेलवे स्टेशन सबसे निकटतम स्टेशनो में से एक है। जो देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ से बोमडिला की दूरी १४४ किमी के लगभग है।
वायु मार्ग द्वारा
असम का तेजपुर हवाई अड्डा सबसे निकटतम हवाई अड्डा है जहा से बोमडिला १६० किमी दूर है।
बोमडिला के लोकप्रिय आकर्षण
यदि आप अपने तनावपूर्ण रोजमर्रा के जीवन से थक कर एक रोमांचकारी छुट्टी का आनंद लेना चाहते है तो बोमडिला एक आदर्श चुनाव होगा, क्योंकि बागों से लेकर बौद्ध सभ्यता को जानने के लिए एक मनोरम स्थल है, जिनसे अभी तक आप अनजान थे।
सेब के बाग
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सेब के बाग टिपि |
यह बाग विभिन्न प्रकार के सेबों को उगाता है। जिसके मध्य आप घूमते हुए उनकी प्रजातियों के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते है। यदि आप बोमडिला आये और सेब आर्किड में घूमते हुए खरीदारी नहीं की तो आपकी बोमडिला की यात्रा समझिये अधूरी ही रह गई।
स्थान - टिपि, बोमडिला।
बोमडिला व्यू पॉइंट
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व्यू पॉइंट |
करने योग्य कार्य
- अगर आपको हाइकिंग करने में समर्थ है तो बोमडिला के सबसे ऊँचे स्थल से आप दृश्यावलोकन का आनंद ले सकते है।
- अपना कैमरा ले के जाना न भूलें क्योंकि पश्चिमी कामेंग की दुर्लभ तस्वीरें निश्चित रूप से यादों में संजोने योग्य है।
ध्यान रखने योग्य
- नचिपु दर्रे के अवलोकन के लिए अपने साथ दूरबीन अवश्य रखें।
- व्यू पॉइंट तक जाने के लिए एसयूवी से यात्रा करने का विचार सर्वोत्तम होगा वो भी एक अनुभवी ड्राइवर के साथ।
- बारिश अथवा कोहरे के दिन जहा तक हो सके व्यू पॉइंट पर जाने का विचार न करें क्योंकि न केवल सड़के खतरनाक होंगी, पहाड़ो का नजारा भी साफ नहीं होगा।
बोमडिला मठ
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बोमडिला मठ |
मठ की यात्रा का सबसे अच्छा समय लोसार महोत्सव के समय जाना है जिसे नव वर्ष को चिन्हित करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जाता है। इसके अतिरिक्त शक ड्यू जिसे बुद्ध के ज्ञानोदय के दिन के रूप में मनाया जाता है। एक दुर्लभ यात्रा को संजोने का सबसे उत्तम समय है।
महायान बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्र में रूप में यह मठ तीन अलग अलग भागों में विभाजित किया गया है -
- सबसे महत्वपूर्ण ऊपरी गोम्पा
- सबसे प्राचीन मध्य गोम्पा
- लोअर या निचला गोम्पा
निचला गोम्पा
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प्रार्थना कक्ष |
शहर के मध्य में स्थित निचला गोम्पा है जिसमे बौद्ध भिक्षु पूजा लिए आते है। यहाँ आपको प्रार्थना के लिए पहिये मिलेंगे जिन्हे घुमाने से मनवांछित इच्छा पूरी हो जाती है ऐसी स्थानीय मान्यता है।
इस गोम्पा का मुख्य आकर्षण इसकी भव्य तिब्बती वास्तुकला और विशाल प्रार्थना कक्ष है। जहां आने वाले पर्यटक कुछ समय शान्त वातावरण में कुछ समय शांति से बैठ कर एक अलग ही दुनिया में होने का अनुभव करते है।
स्थान - मेन मार्केट रोड, कोना, बोमडिला।
मध्य गोम्पा
अपर गोम्पा
ऊपरी गोम्पा वह स्थल है जो पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है। ऊपरी गोम्पा एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। जो की बौद्ध धर्म से जुडी हुई परम्पराओं का प्रतीक है। यहाँ भिक्षु बच्चों को शिक्षित करने के लिए विद्यालय, बुद्ध मंदिर और प्रार्थना कक्ष देखने को मिलेंगे। यहाँ का गोम्पा स्थानीय लोगो के मध्य गेंत्से गादेन रबग्येल लिलिंग मठ के रूप में प्रसिद्ध है। यदि आप आध्यात्मिकता की तलाश करने और बौद्ध उपदेशों से अनुसार एक शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहते है तो इस स्थल पर आना तो स्वाभाविक है।
आर आर हिल
इस स्थल से आप हिमालय की सुंदर दृश्यों को देखने की अनुभूति प्राप्त कर सकते है। इस लिए इस जगह अक्टूबर से मई समय सबसे अच्छा समय है क्योकि इस समय आकाश साफ रहने की संभावना ज्यादा होती है।
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